सोमवार, 26 मार्च 2012

भीड में


कठिन होगा
तब और भी ज्‍यादा
जब जिंदगी की भीड में होंगे हम
और जीना होगा हमें अपनी जिंदगी.

हर वक्‍त होगी जद्दोजहद
कि लादी जाएंगी जिंदगी पर जिंदगियां 
और दो सांस भी न जिया जा सकेगा
खुदके लिए पहाड में से तिनका.
अपने ही पेड के नीचे हम ढूंढेंगे छाया
या तलाशेंगे अपने ही कपडों में सही माप अपना.

हो सकता है यह भी कि
शीशे के सामने खडे होकर
ढूंढेंगे खुदको, या देखेंगे केवल एक बार
हां बस एक बार खुदको खुदके लिए और मुस्‍कुराएंगे.

बिला वजह होगा सबकुछ  
सिवाय भीड के...
भीड में हम चेहरा होंगे या धड का कोई हिस्‍सा
अमूमन हम होंगे
पर अपने नहीं
भीड के... !!!


9 टिप्‍पणियां:

abhivyakti ने कहा…

wonderful !!!

mithilesh kumar ray ने कहा…

kavita me jis bat ki taraf ishara kiya gaya hai, wo hona shuru ho chuka hai...isthiti aur bhayavah hoti jayegi agar samvedanon ka dam hum isi tarah ghontate rahe...

Navin rangiyal ने कहा…

कविता के बारे में अच्छा बुरा तो कुछ नहीं, हां पंक्तियाँ अच्छी है. लेकिन ऐसा लगा कि पहले भी इसे पढ़ चूका हूँ. तुम्हारे शुरूआती दौर के बिम्ब ऐसे ही होते थे. यह अच्छा लगा कि काफी परिपक्वता के बाद भी तुमने सरल लिखना चुना. बहुत सरलता से लिखा है इस बार तुमने, फिर भी मेंहनत की है इस पर. और यही मस्श्कत मासूमियत को खत्म कर देती है. बड़ी बात तो यह है कि बूढ़ा होने के बाद भी बच्चों की तरह लिखा जाए. एक लाइन जो मुझे अच्छी लगी ... अपने ही पेड के नीचे हम ढूंढेंगे छाया... नवीन

anjeev pandey nagpur ने कहा…

अच्छी रचना है सोनू जी।

anjeev pandey nagpur ने कहा…

अच्छी पंक्तियाँ हैं सोनू जी।

anjeev pandey nagpur ने कहा…

अच्छी पंक्तियाँ हैं सोनू जी।

Navin rangiyal ने कहा…

कविता में अच्छा बुरा तो कुछ भी नहीं कहूंगा. लेकिन पंक्तियाँ अच्छी है लेकिन तुम्हारे शुरूआती दौर की कविताओं की याद दिलाती है. पहले तुम्हारी कविताओं के बिम्ब ऐसे ही हुआ करते थे. यह अच्छा लगा के इतनी परिपक्वता के बाद इस बार तुमने थोड़ी सरलता को चुना, लेकिन फिर भी कविता पर काफी महनत की तुमने. इस मशक्कत की वजह से ही उसकी मासूमियत खत्म हो जाती है. होना तो यह चाहिए की बूढा होने के बाद भी हम बच्चों की तरह लिख पाए. पर ऐसा हो तो सही एक बार. नवीन

Kulwant Happy ने कहा…

उम्‍दा उम्‍दा उम्‍दा उम्‍दा उम्‍दा

Kulwant Happy ने कहा…

उम्‍दा उम्‍दा उम्‍दा