मुसाफिर की संदूक में सब रखा है. छूटे हुए की दास्तां, अनकहे का कहा, अलविदा की खामोशी और गलत पते की चिठ्ठियां.
सराय से राजी खुुशी जाना.
सफर की सलामती..!
रविवार, 3 फ़रवरी 2008
ताकत...
ताकत शब्द में ताकत नहीं है... ताकत शब्द चर्चाओं से दूर है ताकत अब दुकानों में है बोर्नबीटा, माइलो और कॉम्प्लेन के डिब्बों में इसी तरह ताकत अब कलम में नहीं है अपितु जेटर, फाइटर और सेलो में है ...
2 टिप्पणियां:
सोनू जी आप बोल हल्ला के पाठक हैं, यह जानकर अच्छा लगा। ताकत को अपने बड़े सरल लेकिन गहराई से शब्दों में डाला है जो कि काबिले तारीफ है
आशीष
Good to Read... I am really impressed
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